रामेश्वरम मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भारतीय राज्य तमिलनाडु में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के अभिष्टानों का एक महत्वपूर्ण स्थल है और श्रीराम के भगवान राम और उनके भक्त हनुमान को समर्पित है। रामेश्वरम शहर रामेश्वरम द्वीप (पहले रामेश्वरम या राम्पौर) पर स्थित है, जो भारतीय महासागर (Bay of Bengal) के नजदीक तमिलनाडु राज्य की रामनाथपुरम जिले में स्थित है।मंदिर के इतिहास में रामेश्वरम को एक पवित्र तीर्थ स्थल माना गया है और कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने प्रवास के दौरान यहां पूजा की थी। मंदिर में भगवान राम के प्रतिमा के अलावा, माता सीता, लक्ष्मण, और हनुमान की प्रतिमाएँ भी स्थान हैं।
रामेश्वरम मंदिर का शिखर समुद्र और द्वीप के अन्दर से उठता है, जिसके कारण यह एक अद्भुत और प्रतिष्ठित स्थल है। सालाना लाखों पर्वार्थियों और पर्वतारोहियों का यहां दर्शन-स्नान करने के लिए आगमन होता है। रामेश्वरम मंदिर को उत्कृष्ट वास्तुकला, संस्कृति, और पवित्रता के कारण देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रिय स्थल है। इसे भारतीय धरोहर के रूप में उच्च माना जाता है और यह भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
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रामेश्वरम मंदिर का पूरा इतिहास
रामेश्वरम मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसके पीछे कई कथाएं और धार्मिक महत्व है। यह मंदिर भगवान श्रीराम के भक्त हनुमान को समर्पित है और श्रीराम चंद्रजी के द्वारा निर्मित किया गया था। यहां हिंदू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।रामेश्वरम मंदिर का निर्माण शायद चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था, जिसे विभिन्न युगों में समय-समय पर सुधारा और पुनर्निर्माण किया गया। इस मंदिर के निर्माण में चिंगमागलूर नामक राजा का योगदान भी था।
मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण भाग, जिसे रामेश्वरम मंदिर के शिखर के रूप में जाना जाता है, पहली बार चौथी शताब्दी में श्रीराम चंद्रजी द्वारा निर्मित किया गया था।रामेश्वरम मंदिर के प्रतिष्ठान के पीछे एक महत्वपूर्ण कथा है। रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका युद्ध के बाद भगवान रावण के वध के लिए शिवलिंग की पूजा की थी। उन्होंने एक सुन्दर सीता शिवलिंग प्राप्त किया था और उसे स्थापित किया। इसी शिवलिंग के चारों ओर एक कोठरी या मंदिर का निर्माण किया गया, जो बाद में रामेश्वरम मंदिर बन गया।
मंदिर के अंदर भगवान राम की प्रतिमा, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थानीकृत हैं। यहां के तीर्थों में अग्नितीर्थम्, गायत्रीतीर्थम्, सेतुबन्धन और नमेश्वरतीर्थम् शामिल हैं जो श्रद्धालुओं के लिए पवित्र हैं। रामेश्वरम मंदिर को भारतीय धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाता है और यह विश्वभर में अनेक श्रद्धालुओं का प्रिय स्थल है। इसका दर्शन करने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने का लोगों के लिए आकर्षक माहौल होता है।
रामेश्वरम मंदिर के दर्शन कैसे करे
रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
यात्रा की तैयारी: सबसे पहले, आपको रामेश्वरम की यात्रा की तैयारी करनी होगी। आपको यातायात के लिए सबसे अधिकतम समय और सही तरीके से यात्रा करने के लिए अनुसूचित ट्रेन, बस, या वाहनों का चयन करना होगा। रामेश्वरम का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनाथपुरम है, जिससे आप वहां तक पहुंच सकते हैं।
विधि-विधान का पालन: मंदिर में प्रवेश करने से पहले, आपको उचित विधियों का पालन करना होगा। धार्मिक स्थलों पर सामाजिक और धार्मिक नियमों का आदर्श सम्मान करना चाहिए। ध्यान रखें कि आपको अपने जूते बाहर रखने की आवश्यकता हो सकती है और मंदिर के अंदर कैमरे, मोबाइल फोन और अन्य अनुचित चीजें नहीं ले जाने दिया जाता है।
श्रद्धा भाव: मंदिर के दर्शन के दौरान आपको श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मंदिर में आकर भगवान को प्रणाम करने के लिए माथे की भूमि को छूना, फूल, पुष्पांजलि आदि चढ़ाना आदर्श है।
तीर्थ-स्नान: रामेश्वरम मंदिर के पास तीर्थस्थल भी हैं, जैसे अग्नितीर्थम्, गायत्रीतीर्थम्, सेतुबन्धन और नमेश्वरतीर्थम्। यदि आप इन तीर्थों में स्नान करना चाहते हैं, तो उन्हें भी दर्शन कर सकते हैं।
समय: मंदिर में भक्तों के लिए विशेष पूजा-अर्चना के अलावा आम दिनों में भी आप प्रवेश कर सकते हैं। ध्यान दें कि मंदिर अलग-अलग समय में खुलता और बंद होता है, इसलिए आप उचित समय पर वहां पहुंचें।
इस रूप से, आप रामेश्वरम मंदिर के दर्शन कर सकते हैं और भगवान राम और हनुमान की कृपा का आनंद ले सकते हैं। ध्यान दें कि यहां आने से पहले आप अपने यात्रा का विस्तृत आयोजन करें और अधिकतम समय आराम से भगवान के दर्शन का आनंद उठा सकें।

रामेश्वरम मंदिर के के दर्शन करने का समय
रामेश्वरम मंदिर के दर्शन का समय दिनभर के लिए विभिन्न प्रकार के पूजा-अर्चना के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। यहां दर्शन का समय निम्नलिखित रूप से हो सकता है:
प्रातःकालीन पूजा: रामेश्वरम मंदिर का सुबह की पहली पूजा प्रातःकालीन पूजा होती है। इस समय पर मंदिर का दर्शन सुरु होता है और भक्तों को पूजा-अर्चना का मौका मिलता है।
मध्याह्न पूजा: दिन के मध्याह्न के समय भी मंदिर का दर्शन किया जा सकता है और इस समय पर धार्मिक अध्ययन और आराधना का मौका मिलता है।
सायंकालीन पूजा: सायंकाल के समय भी मंदिर में दर्शन करने का अनुमति होती है और इस समय पर सन्ध्या आरती और पूजा का आयोजन होता है।
रात्रि अर्चना: रात्रि के समय भी मंदिर का दर्शन किया जा सकता है और भक्तों को नैयाब सुंदर देवी-देवताओं के दर्शन का अवसर मिलता है।
रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने के लिए कौन का मौशम होता है अच्छा
रामेश्वरम मंदिर के दर्शन के लिए बेहतर मौसम अक्सर सर्दी के मौसम में होता है, जो नवंबर से फरवरी तक रहता है। इस मौसम में तापमान मध्यम होता है और आकर्षक ठंडी हवाएं होती हैं, जिससे यात्रा करने में आराम होता है। यह समय आम तौर पर पर्यटकों का भी सर्दीय अवकाश रहता है, जो यात्रा करने के लिए इस मंदिर का चयन करते हैं।
हालांकि, मंदिर के दर्शन का समय साल के अन्य समयों में भी होता है, और धार्मिक अवसरों के अनुसार भक्तों का भी आगमन होता है। गर्मियों के मौसम में (मार्च से मई तक) तापमान ज्यादा हो सकता है, लेकिन यात्रा करने के लिए इस समय को भी चुना जा सकता है।
अगर आप सुखद और शांतिपूर्ण मौसम का आनंद उठाना चाहते हैं और ठंडी ताजगी के मौसम का मजा लेना चाहते हैं, तो नवंबर से फरवरी के बीच मंदिर के दर्शन का समय आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। इस समय में स्थलीय पर्व और त्योहारों का भी आयोजन होता है, जिससे आपको भारतीय संस्कृति और धरोहर का अनुभव करने का मौका मिलता है।
रामेश्वरम मंदिर का प्रसिद्ध प्रसाद
रामेश्वरम मंदिर में प्रसाद के रूप में नारियल और चकरी मिठाई प्रसिद्ध हैं। ये दोनों ही प्रसाद हर दिन मंदिर में भक्तों को बांटे जाते हैं और इसे श्रद्धालुओं के द्वारा आनंद से ग्रहण किया जाता है।
नारियल: नारियल (खोपरा) भगवान श्रीराम के पूजन का प्रतीक है और यह मंदिर में प्रसाद के रूप में बड़े नारियल के टुकड़े के रूप में बांटा जाता है। श्रद्धालु इसे अपने घर ले जाकर धार्मिक अवसरों पर उपयोग करते हैं और अधिकांश लोग इसे पूजा-अर्चना में उपयोग करते हैं।
चकरी मिठाई: चकरी मिठाई रामेश्वरम मंदिर में एक और प्रसिद्ध प्रसाद है। यह एक विशेष प्रकार की चकरी के आकार में बनी मिठाई होती है जिसमें शक्कर और गुड़ डालकर बनाई जाती है। इस मिठाई को भक्त धार्मिक अवसरों पर अपने परिवार और मित्रों के साथ बांटते हैं और इसे ध्यान से खाने का आनंद लेते हैं।
ये प्रसिद्ध प्रसाद भक्तों को मंदिर के प्रवेश के समय अलग-अलग किये जाते हैं, और श्रद्धालुओं को इन्हें पूजा-अर्चना के समय भगवान के चरणों में चढ़ाने का अवसर मिलता है। ये प्रसाद भगवान राम की कृपा का प्रतीक माना जाता है और श्रद्धालुओं को सुख-शांति और आनंद का अनुभव करने में सहायता करता है।
रामेश्वरम मंदिर के देखने योग्य प्रमुख त्योहार
रामेश्वरम मंदिर में विभिन्न प्रमुख त्योहार धार्मिक उत्सव के रूप में मनाए जाते हैं जिन्हें देखने योग्य में निम्नलिखित हैं:
राम नवमी: राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसे रामेश्वरम मंदिर में भी धार्मिक उत्सव के साथ मनाया जाता है। भक्त इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं और भगवान राम की जयंती को ध्यान से भावनात्मक अवसर के रूप में मनाते हैं।
हनुमान जयंती: हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है और यह भी रामेश्वरम मंदिर में उत्सव के साथ मनाया जाता है। भक्त इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा का आनंद लेते हैं।
महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि भगवान शिव के प्रति भक्ति का उत्सव है और इसे भी रामेश्वरम मंदिर में धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं और शिव भगवान की कृपा का आनंद उठाते हैं।
इन त्योहारों के समय रामेश्वरम मंदिर में बड़ी धार्मिक उत्सव और आराधना होती है जिसमें भक्तों का भी भगवान के दर्शन का आनंद मिलता है। यदि आप इन धार्मिक उत्सवों के समय रामेश्वरम मंदिर का दर्शन करने का इरादा करते हैं, तो अपने आगमन के पहले स्थानीय पुजारी से अवश्य संपर्क करें और आयोजन से संबंधित समय-सारणी की जांच करें।
रामेश्वरम मंदिर कैसे पहुँचा जाये
रामेश्वरम मंदिर पहुंचने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन कर सकते हैं:
वायुयान: रामेश्वरम के पास रामनाथपुरम नामक एक नजदीकी हवाई अड्डा है। यदि आप दूरस्थ शहर से आ रहे हैं, तो वायुयान का उपयोग करके रामनाथपुरम तक पहुंच सकते हैं। वायुयान के बाद, आप टैक्सी, ऑटोरिक्शा या बस का इस्तेमाल करके रामेश्वरम मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
रेलगाड़ी: रामनाथपुरम रेलवे स्टेशन रामेश्वरम मंदिर के नजदीकी रेलवे स्टेशन है। आप अपने शहर से रेलगाड़ी का इस्तेमाल करके रामनाथपुरम तक पहुंच सकते हैं और फिर टैक्सी, ऑटोरिक्शा या बस का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
बस: रामेश्वरम के पास बस स्टेशन है, जहां से आप बस का इस्तेमाल करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं। बहुत से शहरों से नियमित बस सेवाएं चलती हैं जो रामेश्वरम तक पहुंचाती हैं।
अपने वाहन से: यदि आप अपने वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तो आप रामेश्वरम तक अपने वाहन से पहुंच सकते हैं। रामेश्वरम मंदिर के पास पार्किंग व्यवस्था भी है, जिससे आप अपने वाहन को आसानी से पार्क कर सकते हैं।
रामेश्वरम मंदिर का पूरा पता
श्री रामनाथस्वामी मंदिर, रामनाथपुरम, रामेश्वरम, तमिलनाडु – 623526, भारत
रामेश्वरम मंदिर के पास घूमने की प्रसिद्ध जगह
रामेश्वरम मंदिर के पास कई प्रसिद्ध और दर्शनीय स्थान हैं जैसे:-
द्वारका तीर्थ: यह तीर्थ रामेश्वरम मंदिर के पास स्थित है और यहां विशाल समुद्र तट और अपार खूबसूरत सौंदर्य्य का आनंद लिया जा सकता है।
अग्नी तीर्थ: यह एक पवित्र तीर्थ है जो रामेश्वरम मंदिर के पास स्थित है। यहां भक्त श्रद्धा भाव से स्नान करते हैं और पूजा करते हैं।
राम तीर्थ: इस तीर्थ को भगवान श्रीराम के विशाल मूर्ति के रूप में जाना जाता है। यह भी रामेश्वरम मंदिर के पास स्थित है और यहां भक्तों को अपनी श्रद्धा का विशेष आनंद मिलता है।
रामांधाम: इसे रामेश्वरम के पास स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थान माना जाता है, जहां भक्त श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं।
रामेश्वरम समुद्र तट: यह समुद्र तट रामेश्वरम मंदिर के पास स्थित है और यहां अपार सौंदर्य्य का आनंद लिया जा सकता है। यहां शांत और चैन से घूमने का विशेष आनंद है।
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रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थल है। यह भगवान श्रीराम को समर्पित है और दक्षिण भारतीय वास्तुकला में निर्मित है।
रामेश्वरम मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में शुरू हुआ था, लेकिन इसके निर्माण में कुछ भागों को पूरा करने में कुछ समय लगा। यह मंदिर रामनाथस्वामी के नाम से भी जाना जाता है।
रामेश्वरम मंदिर रामनाथपुरम नामक स्थान पर स्थित है, जो तमिलनाडु राज्य में है। यह तमिलनाडु की पौराणिक नगरी रामेश्वरम के मध्य भाग में स्थित है।
मंदिर में पूजा-अर्चना भक्तों के आधार पर विभिन्न समय पर की जाती है। प्रातःकालीन पूजा, मध्याह्न पूजा, सायंकालीन पूजा, और रात्रि अर्चना जैसी पूजाएं अनुस्थानित की जाती हैं।
रामेश्वरम मंदिर में नारियल और चकरी मिठाई प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। भक्त इन्हें ध्यान से ग्रहण करके अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा करते हैं।
रामेश्वरम मंदिर के पास कई दर्शनीय स्थान हैं जैसे कि द्वारका तीर्थ, अग्नी तीर्थ, राम तीर्थ, रामांधाम, रामेश्वरम समुद्र तट आदि। इन स्थानों पर भक्त धार्मिक आनंद का अनुभव कर सकते हैं।