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Akshardham Mandir: अक्षरधाम घूमने की है चाहत तो पहले जान लें अक्षरधाम मंदिर खुलने का समय और यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple) भारत के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर स्वामी नारायण धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह अक्षरधाम मंदिर की निर्माण उद्घाटन 6 नवंबर 2005 में हुई थी।
यह मंदिर स्वामी नारायण भगवान को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण भगवान माने जाते हैं। मंदिर के मुख्य गोपुरम और भव्य शिखर ने इसे एक आकर्षक और प्रसिद्ध स्थान बना दिया है। अक्षरधाम मंदिर के भीतर द्वितीय संस्करण में, भारतीय इतिहास, संस्कृति, और धरोहर को दर्शाने वाला संधर्भग्राम (Sahaj Anand Water Show) नामक जल से संबंधित शो भी होता है, जिसमें एक जलाशय में प्रकाशित प्राकृतिक और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
मंदिर के निकटवर्ती एक अखिल भारतीय श्रेष्ठता प्रदर्शनी भी है, जो भारतीय भाषाओं, राज्यों, और राज्य संघीय क्षेत्रों की विविधता को दर्शाती है। अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है और लाखों श्रद्धालु और पर्यटक वर्षभर मंदिर की दर्शनीयता को उपभोग करने के लिए आते हैं।
अक्षरधाम मंदिर का इतिहास
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण स्वामी नारायण संस्थापक भगवान स्वामी नारायण (Bhagwan Swaminarayan) की आज्ञा और भक्तों के सहायता से हुआ था। यह मंदिर भारत के दिल्ली शहर में स्थित है और इसका निर्माण दिल्ली विश्वविद्यालय के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित यमुना घाट पर किया गया। यहां पहले रामकृष्ण पुरी नामक एक सड़क का स्थान था जो सन 1960 में बंद हो गई थी।
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण योजना 2000 में शुरू हुई थी, और मंदिर के निर्माण के लिए 2000 वास्तविक मिस्त्रियों और 3000 सेमी-स्किल्ड शिल्पियों को लगाया गया था। इसके निर्माण में लगभग 5 वर्ष लगे और यह 2005 में पूरा होकर खुल गया। अक्षरधाम मंदिर के निर्माण में प्रमुख शिल्पकार, कला-कारिगर, और वास्तुकार ने अपने योगदान दिया। मंदिर की शिखर सबसे ऊँची शिखरों में से एक मानी जाती है, और इसका सुंदर आर्किटेक्चर और भव्य भवन दर्शनीयता को बढ़ाता है।
अक्षरधाम मंदिर में स्वामी नारायण भगवान के स्वरूप के अलावा, स्थलीय भक्ति भवन में भगवान स्वामी नारायण के जीवन और उपदेशों की जीवनी को दर्शाने वाला एक और प्रदर्शनी भी है। अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है और विभिन्न प्राकृतिक और सांस्कृतिक शृंगार के साथ दर्शकों को आकर्षित करता है

अक्षरधाम मंदिर में दर्शन कैसे करे
अक्षरधाम मंदिर में दर्शन करने के लिए निम्नलिखित बातों का पालन जरूर करें:
समय जांचें: सबसे पहले, अक्षरधाम मंदिर के दर्शन के लिए समय की जांच करें। मंदिर के समयिकों के बारे में आप स्थानीय या इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पूजा प्रारंभ करें: मंदिर में पहुंचने पर, प्रारंभ में आप अपने जूते और संबंधित वस्त्र निकालने के लिए उस स्थान पर उपलब्ध कक्ष (cloakroom) का उपयोग कर सकते हैं।
सुरक्षा नियमों का पालन करें: मंदिर में आपको अपने सामान के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी। आम तौर पर, फोटोग्राफी, मोबाइल फोन, टोकन या चिपके हुए सामान को नहीं ले जाने दिया जाता है।
मंदिर के अंदर दर्शन: मंदिर के अंदर जाने पर, आपको मंदिर के विशेष स्थानों पर चलने से पहले आपको निर्धारित मार्ग पर चलना होगा। स्वामी नारायण भगवान के प्रतिमा को प्रणाम करने और धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए समय बिताएं।
संध्या आरती का दर्शन करें: अक्षरधाम मंदिर में संध्या आरती अत्यंत सुंदर और धार्मिक अनुष्ठान होता है। यह आपको मंदिर दर्शन का एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
प्रसाद का लाभ उठाएं: मंदिर के बाहर प्रसाद (भोजन) उपलब्ध होता है। यह आपके दर्शन का पूरा करने के लिए और धार्मिक अनुष्ठान का भाग होता है।
सावधानियां:
- मंदिर में अपने सामान की देखभाल करें।
- मंदिर के नियमों और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
- अपने मोबाइल फोन और किसी भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को मंदिर के अंदर ले जाने से बचें।
यह दिशानिर्देश आपको अक्षरधाम मंदिर के दर्शन का एक अनुभव प्रदान करेंगे। आप इस धार्मिक स्थल पर शांति और ध्यान का अनुभव करेंगे।
अक्षरधाम मंदिर में टिकट बुकिंग कैसे करे
अक्षरधाम मंदिर में तीन तरह की बुकिंग की जाती है
व्यक्तिगत बुकिंग: दोस्तों और परिवार के साथ आने वाले लोग व्यक्तिगत रूप से अपने टिकट बुक करते हैं और सभी कार्यक्रमों और घूमने के स्थानों के लिए कभी व्यक्ति भुगतान करते हैं।
स्कूल बुकिंग: यह बुकिंग स्कूलों द्वारा बच्चों के एक समूह को अक्षरधाम मंदिर दिखने के लिए की जाती है।
समूह बुकिंग: आमतौर पर, यह बुकिंग पर्यटक गाइड इस प्रकार की बुकिंग उन सभी लोगों के समूह के लिए करते हैं जिन्हें वे विभिन्न-विभिन्न स्थानों पर ले जाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर खुलने का समय
स्थान: अक्षरधाम, नोएडा मोड़, पांडव नगर, नई दिल्ली-110092
प्रवेश शुल्क: INR 100 (बच्चे), INR 125 (वरिष्ठ नागरिक), रुपये 170 (वयस्क)।
समय: सुबह 9:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक, पूरे दिन।
घूमने का समय : लगभग एक घंटा
अक्षरधाम मंदिर में आरती कब होती है
अक्षरधाम मंदिर में आरती निम्नलिखित समयों पर होती है:
सुबह की प्रातः आरती (Morning Aarti): शाम की आरती से पहले सुबह के समय में आईसीटी (इंडिया कुल्चरल टूरिज्म) द्वारा एक आरती आयोजित की जाती है। यह आम तौर पर सुबह 10 बजे शुरू होती है।
शाम की सायं आरती (Evening Aarti): शाम के समय में भी एक आरती आयोजित की जाती है। यह आरती सूर्यास्त होने के तुरंत बाद शुरू होती है। यदि समय सब्दांत देशों पर बदल रहा है तो यह आरती ज्यादातर 6:00 बजे से 6:30 बजे तक शुरू हो सकती है।
कृपया ध्यान दें कि यह समय समय पर बदल सकता है, और विशेष अवसरों पर भी विभिन्न समयों पर आरती हो सकती है। अक्षरधाम मंदिर के आधिकारिक वेबसाइट या उनके संपर्क विवरणों से वर्तमान आरती का समयीका प्राप्त करें और उचित समय पर मंदिर का दर्शन करें।
अक्षरधाम मंदिर जाने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
अक्षरधाम मंदिर को जाने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
टिकट बुकिंग: अक्षरधाम मंदिर के दर्शन के लिए आपको टिकट बुक करना होगा। आप इंटरनेट पर या मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट से टिकट बुक कर सकते हैं। टिकट बुकिंग के समय पर ध्यान दें और अपने यात्रा की तारीख और समय का समय पर प्रतिक्रिया करें।
विशेष दिशानिर्देश: यात्रा से पहले, मंदिर आने और जाने के लिए मंदिर के विशेष दिशानिर्देशों का पालन करें। अगर आपके पास किसी विशेष यातायात या पार्किंग के बारे में जानकारी चाहिए, तो उनके संपर्क विवरणों को देखें।
उचित वस्त्र: मंदिर में प्रवेश के लिए उचित वस्त्र धारण करें। पुरुषों को धन्यवादी (कुर्ता-पाजामा) और महिलाओं को सादी या सूट सलवार पहनना सुझाया जाता है।
संबंधित वस्त्र निकालने: मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको अपने जूते और संबंधित वस्त्र निकालने के लिए उस स्थान पर उपलब्ध कक्ष (cloakroom) का उपयोग कर सकते हैं।
फोटोग्राफी और मोबाइल फोन: मंदिर के अंदर फोटोग्राफी और मोबाइल फोन को अनुमति नहीं होती है। इसलिए आप उन्हें बाहर छोड़ने के लिए तैयार रहें।
स्वच्छता: मंदिर की सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें। कृपया अपने गंदे कचरे को मंदिर के अंदर नहीं छोड़ें और सामान्य नियमों का पालन करें।
धार्मिक अनुष्ठान: मंदिर में प्रवेश करते समय धार्मिक अनुष्ठान में भाग लें और स्थानीय प्रवेश के नियमों का पालन करें।
यह ध्यान रखने वाली बातें आपको अक्षरधाम मंदिर के दर्शन के दौरान अधिक आनंद और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करेंगी। आप इन सुझावों का पालन करके धार्मिक स्थल की महानता और शांति का अनुभव कर सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर के आसपास घूमने लायक जगह
अक्षरधाम मंदिर के आसपास घूमने लायक कई रोचक जगहें हैं जो आपके दर्शनीय अनुभव को और भी बेहतर बना सकती हैं। यहां कुछ प्रमुख स्थानों का उल्लेख किया गया है:
लोधी बाग: यह विशाल पार्क अक्षरधाम मंदिर से निकटतम स्थानों में से एक है। यह पार्क आरामदायक माहौल, हरियाणा की परंपरागत भवन शैली के बगीचे, और खूबसूरत झीलों के लिए प्रसिद्ध है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब: यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी की याद में बनाया गया है और इसकी वास्तुकला और धार्मिक महत्व आकर्षक है।
इंडिया गेट: यह भारतीय स्वतंत्रता के स्मारक के रूप में जाना जाता है और इसका आर्किटेक्चर विदेशी स्मारक गेट्स को याद दिलाता है।
हुमायूं का मकबरा: यह यमुना नदी के किनारे स्थित है और दिल्ली के प्राचीनतम मकबरों में से एक है। इसका वास्तुकला और शानदार बगीचा देखने लायक है।
पुरानी दिल्ली: पुरानी दिल्ली राजसी शहर के रूप में अपनी ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थलों, खाने के स्ट्रीट फूड, और बाजारों के लिए प्रसिद्ध है।
ये थे कुछ प्रमुख स्थान, लेकिन दिल्ली में और भी अनेक रोचक जगहें हैं जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं। इन्हें घूमने से आपकी यात्रा और भी यादगार और आनंदमयी बनेगी।
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अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के प्रमुख आकर्षणों में से एक है, यहाँ कोई 234 से अधिक सुंदर नक्काशीदार स्तंभों, 20 चतुर्भुज शिखरों, 9 विस्तृत गुंबदों और भारत के आध्यात्मिक व्यक्तित्वों की 20000 से अधिक मूर्तियों के साथ विशिष्ट वास्तुशिल्प आकर्षण देख सकते है।
अक्षरधाम मंदिर की यात्रा सोमवार(Monday) को छोड़कर और सभी दिन सुबह 9:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक की जाती है।
पर्स (कंधे का पट्टा / लटकना) भोजन और पेय। खिलौने। तम्बाकू एवं अल्कोहल उत्पाद।
मोबाइल फोन मंदिर के अंदर नहीं ले जा सकते।